Jeff Bezos कैसे बने दुनिया के सबसे अमीर आदमी – Amazon Startup Story

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Amazon success story यदि आप कभी भी किसी भले काम की आलोचना नहीं झेलना चाहते तो कभी भी कुछ नया मत कीजिए, यदि आप जिद्दी नहीं है तो आप प्रयोगों को करते-करते जल्द ही हार मान जाएंगे यह शब्द है दुनिया के सबसे अमीर आदमी Jeff Bezos के जो अमेजॉन ईकॉमर्स के फाउंडर और मालिक है। Amazon एक ऐसा नाम है जिससे अब कोई भी अनजान नहीं रहा, आज से लगभग 23 साल पहले लॉन्च हुई ई-कॉमर्स वेबसाइट आज दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर की कंपनी का टैग लिए भारत में छा चुकी है।

Jeff Bezos Biography in Hindi

यह कहानी है जैफ बेजॉस की जो कि अमेजॉन कंपनी के मालिक और उसके फाउंडर है जिनका जन्म 12 जुलाई 1964 को Albuquerque में USA में हुआ था. उनको जन्म देने वाली उनकी मां जैकलिन उस समय 17 साल की नाबालिक युवती थी और जैफ जब 3 साल के थे, उनके पिता टैड जोर जनसन, जैफ और उनकी पत्नी को बेसहारा छोड़ कर चले गए थे. कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है जब जैफ चलना भी नहीं जानते थे तब वह स्क्रुड्राइवर को लेकर अपना पालना खोलने की कोशिश करते थे।
उनकी मां जैकलिन ने दूसरी शादी करी और फिर जैफ अपने सौतेले पिता की देखरेख में पल्ले और बड़े हुए, जब जैफ थोड़े बड़े हुए तो इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में उनकी रूचि हुई। बचपन में ही जैफ के सौतेले भाई उनके कमरे में बिना बताए ना घुसे इसके लिए उन्होंने एक इलेक्ट्रिक अलार्म बनाया था. जब जैफ 4th क्लास में थे तब पहली बार उनके स्कूल में कंप्यूटर आया था अध्यापकों को भी कंप्यूटर चलाना नहीं आता था, तब जैफ ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उस कंप्यूटर को चलाना सीख लिया. उनके इसी टैलेंट के वजह से ही यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा से उन्हें सिल्वरलाइट का अवार्ड और नेशनल मेरिट स्कॉलरशिप मिली.
फिर उन्होंने क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ साइंस और कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करी कॉलेज से शिक्षित होने के बाद 1986 में वॉल स्ट्रीट न्यू यॉर्क में उन्हें कंप्यूटर साइंस फील्ड में उन्हें एक बड़ी नौकरी मिल गई। जैफ को किताबों से बहुत लगाव था और वह हमेशा कुछ न कुछ पढ़ते रहते थे, अप्रैल 1994 में एक दिन नेट सर्फिंग के दौरान उन्हें पता चला की वेब यूजर्स की संख्या हर साल 2300% की दर से बढ़ रही है। पलक झपकते ही उनके मन में आईडिया आया कि क्यों ना ऑनलाइन बिजनेस किया जाए.
अपने आइडिया को साकार करने के लिए उन्होंने अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी यकीनन यह जोखिम भरा फैसला था, खासतौर पर तब जब उनकी नई नई शादी हुई थी अब सवाल यह था कि नेट पर बेचा क्या जाए. गहरा विचार करने के बाद उन्हें आईडिया आया ऑनलाइन किताब बेचने का. उन्होंने 1994 में अपनी ऑनलाइन कंपनी की स्थापना करी और 1996 में इसकी शुरुआत करी. जैफ पहले इसका नाम Cadbara.com रखना चाहते थे लेकिन 3 महीने बाद उन्होंने इसका नाम बदलकर amazon.com रखा. उन्होंने इसका नाम A लेटर से इसलिए रखा ताकि इंटरनेट पर सर्च करने पर यह जल्दी आए।
उन्होंने संसार की सबसे बड़ी नदी Amazon का नाम इसलिए चुना क्योंकि वह दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन बुक सेलिंग कंपनी बनाना चाहते थे, उनकी वेबसाइट ऑनलाइन बुक स्टोर के रूप में शुरू हुई थी लेकिन बाद में यह डीवीडी, सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूसरे सामान बेचने लगी. जैफ ने अपनी कंपनी की शुरुआत अपने घर के गैराज से करी थी जहां सिर्फ तीन कंप्यूटर और कर्मचारी थे. ऑनलाइन बिक्री का सॉफ्टवेयर खुद जैफ ने बनाया था और $300000 की शुरुआती इन्वेस्टमेंट उनके माता-पिता ने लगाई थी.
कंपनी की स्थापना के वक्त जैफ के पिता ने उनसे यह सवाल पूछा था कि इंटरनेट क्या होता है तब उनकी मां ने जवाब दिया हम इंटरनेट पर दांव नहीं लगा रहे हम तो अपने बेटे Jeff Bezos पर दांव लगा रहे है। माता-पिता का यह विश्वास शत प्रतिशत सही साबित हुआ और अमेजॉन की 6 परसेंट शेयर के मालिक होने के कारण सन 2000 में माता-पिता अरबपति बन गए, 16 जुलाई 1995 को जैफ ने अपनी वेबसाइट पर पुस्तकें बेचना शुरू किया. पहले ही महीने में अमेजॉन ने अमेरिका के 50 राज्यों 45 अन्य देशों में पुस्तके बेच डाली.
लेकिन यह काम आसान नहीं था जमीन पर घुटनों के बल बैठकर पुस्तकों को पैक करना पड़ता था और पार्सल देने के लिए खुद जैफ को भी जाना पड़ता था पुस्तकों की पैकिंग करते समय एक दिन जैफ ने अपने साथियों से पूछा तुम्हें पता है इस काम को आसान बनाने के लिए और क्या करना चाहिए तब उनके साथी ने जवाब दिया हमें घुटनों के नीचे तकिया रख लेना चाहिए तब जैफ हंस पड़े और अगले ही दिन उन्होंने कुछ टेबल खरीदी ताकि उन पर किताबों की पैकिंग की जा सके.
Jeff Bezos की मेहनत रंग लाई और सितंबर तक हर हफ्ते $20000 की बिक्री होने लगी 2007 तक अमेजॉन ऑनलाइन बिक्री का एक जाना माना ब्रांड बन चुकी थी लेकिन कंपनी का टर्निंग प्वाइंट तब आया जब 2007 में Amazon kindle बाजार में उतरा जिसके माध्यम से पुस्तक को तुरंत डाउनलोड करके पढ़ा जा सकता है। नवंबर 2007 में किंडल मार्केट में उतरने के 6 घंटे बाद ही किंडल का सारा स्टॉक बिक गया और अगले 5 महीने तक आउट ऑफ स्टॉक रहा. Kindle Reader की बदौलत अमेजॉन ने अमेरिका के 95% ई बुक कॉमर्स पर कब्जा कर लिया.
 
Kindle Amazon के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हुआ क्योंकि इससे पुस्तकों की खरीदारी की झंझट नहीं थी और खर्चा भी बचा और स्थाई ग्राहक भी बन गए. आखिर ऐसा क्या हुआ कि 3 कर्मचारियों से शुरू हुई कंपनी में आज लगभग तीन लाख से ज्यादा कर्मचारी है और अब Jeff Bezos बिल गेट्स को पीछे छोड़कर दुनिया के सबसे अमीर आदमी बन चुके है। आइए जानते हैं जैफ के जीवन के कुछ मूल मंत्र जिन पर चलकर वह दुनिया के सबसे अमीर आदमी बन गए-
जैफ बेजॉस कहते हैं कि अगर आप Long term future के बारे में सोचे तो जीवन संबंधी अच्छे निर्णय ले सकते हैं जिन पर आपको बाद में अफसोस नहीं होगा. Jeff ने हमेशा Long Term Future और मिनिमम पश्चाताप की नीति पर व्यापार का निर्णय लिया उन्होंने सोचा था कि 60 साल की उम्र में नौकरी छोड़ने का अफसोस तो नहीं होगा लेकिन वह यह बात अच्छी तरह से जानते थे की कोशिश ना करने का अफसोस उन्हें हमेशा रहेगा इसलिए उन्होंने कोशिश करी और सफलता के शिखर तक पहुंच गए.
नया काम सफल होने का सबसे आसान तरीका है और Jeff की सफलता का मूलमंत्र भी यही है कि उन्होंने किताबों के ऑनलाइन बिक्री का काम शुरू किया अपनी वेबसाइट अमेजॉन पर कई नई चीजें जोड़ी जैसे one click shopping, customer review, email id verification etc. Jeff Bezos ने जब अमेजॉन शुरू किया था तब उनके पास मार्केटिंग का बजट नहीं था इसलिए प्रचार प्रसार करने का कोई सवाल ही नहीं था बाद में उन्होंने सोचा कि सबसे अच्छा प्रचार प्रसार करने का तरीका यही है कि कोई भी कस्टमर जो हमसे सर्विस लेता है वह अपने परिवार वालों के साथ और दोस्तों के साथ हमारे व्यापार के बारे में बात करें.
Jeff ने अपने प्रोडक्ट ओर सर्विस को इतना बेहतर बनाया कि कस्टमर खुद उनकी तारीफ और प्रचार करने लगे दोस्तों यह थी Jeff Bezos और Amazon की सफलता की कहानी जो कि आपको हमेशा प्रेरित करती रहेगी अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो प्लीज कमेंट करना और इसे दोस्तों के साथ शेयर करना और हम हमारी इस वेबसाइट पर रोजाना एक ऐसी ही motivational success story लेकर आते रहते इसलिए हमारे साथ जुड़े रहे धन्यवाद।

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