डायटीशन गरिमा की मानें तो करी पत्ता में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं, जिससे यह हानिकारक बैक्टीरिया और संक्रमण से लड़ने में बहुत प्रभावी है।
इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो हानिकारक कणों को बेअसर करने और कई गंभीर रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
डायटीशियन गरिमा की मानें तो करी पत्ता के सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी बहुत कम है।
डायटीशियन गरिमा की मानें तो भले ही करी पत्ता का सेवन सुरक्षित है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए, जिनमें शामिल हैं.
करी पत्ते के अंदर आयरन और फॉलिक एसिड की बहुतायत होती है। एनीमिया केवल शरीर में खून की कमी ही नहीं है बल्कि इसका संबंध शरीर में खून का ठीक तरह से अवशोषित ना हो पाने से भी है।
फाॅलिक एसिड रक्त को अवशोषित करने में मदद पहुंचाने वाला जरूरी तत्व है। अगर आप एनीमिया से पीड़ित हैं, तो इसे दूर करने के लिए हर दिन करी पत्ता खाएं।
करी पत्ता के अंदर रक्त को अवशोषित करने वाले तत्व फाॅलिक एसिड और आयरन दोनों ही तत्व काफी अच्छी मात्रा में होते हैं। इस वजह से इसका सेवन करके आप अपने शरीर में रक्त की कमी को दूर कर सकती हैं।
अगर आप बहुत ज्यादा शराब या फिर ज्यादा मात्रा में मसालेदार मीट, मछली और चिकन का सेवन करती हैं। तो अपने लिवर को किसी भी किस्म की क्षति से बचाने के लिए नियमित तौर पर करी पत्ता खाएं।
करी पत्ते के अंदर मौजूद विटामिन ए और सी का काॅम्बिनेशन लिवर में होने वाली किसी भी क्षति को ठीक करने के साथ उसे सही तरीके से काम करने योग्य बनाने में मददगार साबित होता है।
एक कप देसी घी में एक कप करी पत्ते का रस मिलायें। अब इसके अंदर थोड़ी-सी चीनी और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर अच्छी तरह से उबालें। इसे उबालते समय गैस की आंच धीमी रखें।
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