आयुर्वेद में आवंला मानव शरीर के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना गया है, इसका इस्तेमाल खाने और दवाई दोनों के रूप में किया जाता है।
आंवले में विटामिन सी, कैल्शियम, पोटेशियम, एंटी-ऑक्सीडेंट, फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिसके सेवन से कई बीमारियां दूर होती है और व्यक्ति हेल्दी रहता है।
आयुर्वेद के अनुसार आंवला में उम्र को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं, जिसे वयस्थापन गुण कहा जाता है। आंवले में वस्थापन वह इंग्रीडियंट है जो स्किन को पोषण देता है और व्यक्ति को जल्दी बूढ़ा होने से बचाता है।
यानि इसमें एंटी एजिंग गुण मौजूद होते हैं। आंवले में मौजूद वयस्थापन गुण तीनों दोषों को संतुलन में रखकर स्किन को हेल्दी रखने में मदद करती है।
आयुर्वेद के अनुसार आंवले में वृष्य चित्कित्सा गुण होते हैं, जो प्रजनन क्षमता के लिए अच्छा माना जाता है। आंवले में मौजूद वृष्य गुण प्रजनन से जुड़ी समस्याओं को कम कर बांझपन की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं।
वृष्य चिकित्सा आयुर्वेद की आठ प्रमुख विशेषताओं में से एक है, जो महिला और पुरुष के प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकता है और व्यक्ति को यौन रूप से शक्तिशाली और सक्षम बना सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार आंवले में त्रिदोष गुण होते हैं, जो तीनों दोष यानि वात, पित और कफ को बैलेंस करने में मदद करता है।
इसके सेवन से आंख की रोशनी तेज होती है, स्किन हेल्दी रहती है, फेफड़ों से जुड़ी समस्या समेत कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं। ऐसे में किसी भी उम्र के लोग इसका सेवन कर सकते हैं।
आयुर्वेद में आवंला मानव शरीर के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना गया है, इसका इस्तेमाल खाने और दवाई दोनों के रूप में किया जाता है।
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