सर्दी-खांसी होने पर बिल्कुल न करें ये गलती

निमोनिया एक घातक बीमारी है। इससे बचे रहना बहुत जरूरी है। लेकिन, बदलते मौसम में अक्सर लोग निमोनिया का शिकार हो जाते हैं।

निमोनिया खासकर उन लोगों को होता है, जिनके लंग्स कमजोर होते हैं या फिर जिन्हें लंग्स में इंफेक्शन होता है।

निमोनिया एक संक्रमण है, जो एक या दोनों लंग्स में हो सकता है। कई बार लंग्स में पस भर जाती है, जिस वजह से मरीज को खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस लेने में कठिनाई आती है।

बैक्टीरिया, वायरस और फंगाई की वजह से निमोनिया जैसी घातक बीमारी होती है।" लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी-कभी कुछ गलत आदतें या आपकी गलतियां भी निमोनिया का कारण बन सकती हैं।

अक्सर खांसी-जुकाम होने पर उसे हल्के में लेते हैं। विशेषकर, बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम को किसी बीमारी के रूप में नहीं लिया जाता है।

खांसी या सर्दी-जुकाम होने पर व्यक्ति घर का बना काढ़ा, हल्दी-दूध जैसे कई चिकित्सा के वैकल्पिक तरीकों को आजमाता है।

लेकिन, सर्दी-जुकाम होने की वजह से रेस्पिरेटरी ट्रैक, जो कि नाक से होते हुए लंग्स तक जाती है, वहां बलगम जम जाता है।

इस ट्रैक में अगर संक्रमण हो गया, तो निमोनिया का जोखिम बढ़ जाता है। सर्दी-जुकाम में सबसे ज्यादा रेस्पिरेटरी ट्रैक ही इफेक्टेड होती है, जो कि एक समय बाद लंग्स तक पहुंच जाती है।

इस तरह, फेफड़ों में सूजन हो जाती हैं और व्यक्ति को निमोनिया हो जाता है। इसलिए, जब भी खांसी-जुकाम या सर्दी हो, तो इसे हल्के में न लें।

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