मौसम में बदलाव होते ही लोगों को सर्दी जुकाम व बुखार की समस्या होने लगती है। दरअसल, मौसम में बदलाव के समय बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में जिन लोगों कि इम्यूनिटी कमजोर होती है उनको इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। जबकि जो लोग बाहर का जंक फूड कम खाते हैं और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाते हैं उनको इंफेक्शन होने की संभावना कम होती है। हालांकि डॉक्टरों के अनुसार Chest Cold और हेड कोल्ड में अंतर होता है। अक्सर लोग इन्हें एक ही समझ लेते हैं, जबकि यह दोनों ही स्थितियां अलग-अलग हैं। हालांकि, इनके कई लक्षण सामान होते हैं। जिसकी वजह से लोगों को यह कंफूजन हो सकती है। आगे फैमिली क्लीनिक नोएड़ा के डॉक्टर सचिन सिंह, कंसल्टेंट और फिजिशियन से जानते हैं कि चेस्ट कोल्ड और हेड कोल्ड में क्या अंतर हैं।
सर्दी जुकाम क्यों होता है?
आपको बता दें कि सामान्य सर्दी मुख्य रूप से राइनोवायरस और अन्य कुछ वायरस के कारण भी हो सकती है। यह अत्यधिक संक्रामक होती है। इसकी समस्या संक्रमित व्यक्ति के द्वारा खांसने, छींकने या किसी जगह को छूने से यह संक्रमण अन्य लोगों को भी हो सकता है। सिर व छाती दोनों की सर्दी श्वसन इंफेक्शन से जुड़ी होती है, लेकिन यह श्वसन प्रणाली के अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करते हैं।
हेड कोल्ड क्या होता है?
सिर का ठंडा होना, जिसे ऊपरी श्वसन संक्रमण (रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) के रूप में भी जाना जाता है, मुख्य रूप से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है। इस तरह की सर्दी होने पर व्यक्ति को लक्षण गले व नाक मार्ग में हो सकता है। आगे जानते हैं हेड कोल्ड में व्यक्ति को क्या लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- नाक का बहना: हेड कोल्ड होने पर व्यक्ति को बहती या बंद नाक की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान नासिका मार्ग में एक्सट्रा बलगम बनने लगता है।
- छींक आना: छींक आना हेड कोल्ड की एक वजह हो सकता है, क्योंकि आपका शरीर नाक के मार्ग से जलन पैदा करने वाले तत्वों को साफ करने का प्रयास करता है।
- गले में खराश: हेड कोल्ड होने पर कई लोगों को नाक से पानी टपकने और गले में जलन महसूस हो सकती है। इसके कारण गले में खराश हो सकती है। जिससे कई बार आपको खाना निगलने में भी परेशानी हो सकती है।
- खांसी और आंखों में जलन – इस दौरान व्यक्ति को बार-बार खांसी आती है और आंखों से पानी बहता है। साथ ही, आंखों में खुजली होती है।
Chest Cold क्या होता है?
दूसरी ओर, Chest Cold आपके रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट के निचले हिस्से को प्रभावित करता है। इसमें ब्रोन्कियल नलियों और फेफड़ों प्रभावित होते हैं। इसके लक्षण व्यक्तियों में अलग-अलग हो सकते हैं। आगे जानते हैं इसके लक्षण।
- छाती में कफ जमा होना: Chest Cold का सबसे आम लक्षण छाती में कफ का जमाव होता है। इसमें मरीज को सीने में भारी, जकड़न महसूस हो सकती है, जिससे सांस लेने में असुविधा हो सकती है।
- बलगम के साथ खांसी: चेस्ट कोल्ड की विशेषता अक्सर लगातार खांसी होती है, इसमें मरीज को गाढ़ा, पीला या हरा बलगम निकल सकता है। दरअसल, शरीर के द्वारा ब्रोन्कियल नलिकाओं को साफ़ करने का यह एक तरीका होता है।
- सांस की तकलीफ: Chest Cold में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट का निचला हिस्सा प्रभावित होता है, ऐसे में व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
Chest Cold और हेड कोल्ड में क्या अंतर होता है?
चेस्ट कोल्ड और हेड कोल्ड के कई लक्षण समान होते हैं। ऐसे में एक नजर में आप इनके अंतर को समझ नहीं सकते हैं। लेकिन, हेड कोल्ड में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट का ऊपरी हिस्सा संक्रमित होता है, जबकि, चेस्ट कोल्ड में रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट का निचले हिस्से में इंफेक्शन होता है। इसके कुछ लक्षणों में अंतर हो सकता है।
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चेस्ट और हेड कोल्ड के सामान लक्षण क्या होते हैं?
- बुखार
- थकान
- सिरदर्द
- शरीर में दर्द
- गले में खराश
दोनों प्रकार की सर्दी के लिए, भरपूर आराम करना, हाइड्रेटेड रहना और निर्देशानुसार ओवर-द-काउंटर दवाओं का उपयोग करने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यदि आपके लक्षण बिगड़ते हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं, तो स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना उचित है।