क्रिकेट में जब कोई खिलाड़ी शतक लगाता है तो यह उसके लिए एक बहुत ही बड़ी उपलब्धि मानी जाती है और सभी लोग उसके सम्मान में तालियां बजाते हैं लेकिन अभी हाल ही में हमारे भारत के अंदर एक और शतक लगाया गया है लेकिन उसके लिए किसी ने तालियां नहीं बजाई। जी हां दरअसल हम बात कर रहे हैं भारत के अंदर बढ़ते पेट्रोल के कीमतों की जिसने इतिहास में पहली बार ₹100 के आंकड़े को छुआ है.
लेकिन दोस्तों सवाल यह है की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटने के बावजूद भारत में पेट्रोल की कीमत आसमान कैसे छूने लगी ? अगर आप भी इन सवालों का जवाब खोज रहे हैं तो इस पोस्ट के साथ बने रहिए और हां इस पोस्ट में हम कुछ ऐसे देशों के बारे में भी बताएंगे जहां पर पेट्रोल की कीमतें हमारे यहां पर बिकने वाले चॉकलेट से भी कहीं ज्यादा कम है।
तो फिर दोस्तों भारत या फिर किसी भी देश के अंदर पेट्रोल की कीमत कच्चे तेल की कीमत के ऊपर निर्भर करती है यानी कि जब कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो फिर पेट्रोल की कीमतें भी ऊपर चली जाती हैं और जब कच्चा तेल सस्ता होता है तो फिर पेट्रोल भी सस्ता हो जाता है लेकिन हमारे देश के अंदर समस्या यह है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटती है तब भी ज्यादातर समय भारत में पेट्रोल की कीमत लगातार बढ़ती रहती है।
यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि आंकड़े कह रहे हैं उदाहरण के लिए हम अगर 1 जनवरी 2020 के आंकड़े को देखें तो उस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 65$/ BARREL थी क्योंकि तब $1 की कीमत भारत में ₹71 की थी तो उस समय हमें एक बैरल ₹4615 का पड़ा रहा था। वैसे आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें यह कोई बैरल नहीं बल्कि 159 लीटर होते हैं यानी कि इसका हिसाब लगाया जाए तो 1 जनवरी 2020 में हमें 1 लीटर तेल ₹29 के आसपास मिल रहा था और उस समय हमारे देश में 1 लीटर तेल की कीमत 72 से ₹73 के बीच में हुआ करती थी।
हालांकि अब अगर आज की बात करें तो इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 58$/ BARREL के आसपास है और आज हमें 1 लीटर तेल ₹26 के आसपास मिल रहा है यानी 1 जनवरी 2020 को जो कच्चा तेल हमें ₹29 प्रति लीटर मिल रहा था वह इस समय ₹3 सस्ता होकर ₹26 प्रति लीटर मिल रहा है लेकिन इसके बावजूद पेट्रोल की कीमत उस समय के मुकाबले आज 20 से ₹27 ज्यादा है।
हालांकि चलिए अब हम जानते हैं कि कच्चे तेल के सस्ते होने के बावजूद पेट्रोल की कीमतें बढ़ी कैसे ? लेकिन दोस्तों इस सवाल का जवाब देने से पहले हमें यह जानना होगा कि रिफाइंड पेट्रोल को हम तक पहुंचने से पहले किन किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और इसमें कौन-कौन से खर्चे जुड़ते हैं?
1.Refinery Processing
दोस्तों जो कच्चा तेल हम अंतरराष्ट्रीय बाजार से खरीद लेते हैं वह सीधा इस्तेमाल करने के लायक नहीं होता है सबसे पहले तो उसे शुद्धता की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और इस प्रक्रिया का खर्चा ₹3.84 पैसे प्रति लीटर लगता है जो कि कच्चे तेल की कीमत में सीधा सीधा जुड़ जाता है.
2.Excise Duty
अब शुद्ध हो चुके तेल पर केंद्र सरकार के द्वारा एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है और यह एक्साइज ड्यूटी तेल की कीमत तय करने में अहम भूमिका निभाती है केंद्र सरकार के द्वारा लगाया गया टैक्स ठीक नहीं होता और यह समय समय पर घटता और बढ़ता रहता है। एक उदाहरण के लिए आपको बता दें 1 जनवरी 2020 को पेट्रोल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी ₹19.48 पैसे थी जबकि इस समय वह ₹33 के करीब पहुंच चुकी है अब आपको इस कीमत के अंतर से अंदाजा लग ही गया होगा कि आखिर पेट्रोल की कीमत आज के समय में आसमान क्यों छू रही है।
3.Dealer Commission
एक्साइज ड्यूटी लगने के बाद भी पेट्रोल पर लगने वाले यह टेक्स यहीं पर खत्म नहीं होते हैं क्योंकि जो तेल पेट्रोल पंप डीलर के पास जाता है उनका अपना भी एक कमीशन होता है और इस समय डीलर का यह कमीशन ₹3.68 पैसे प्रति लीटर चल रहा है. यह कमीशन भी पेट्रोल की कीमत को बढ़ावा देता है।
4.Value Added Tax
डीलर के कमीशन के बाद आता है राज्य सरकार के द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स इस टैक्स को VAT यानी Value Added Tax कहां जाता है और अलग अलग राज्य की सरकारें पेट्रोल पर अलग-अलग कीमतों के VAT लगाती है। वैसे आमतौर पर VAT 27 से 30 परसेंट के आसपास देखने को मिलता है लेकिन यह टेक्स इससे कम या फिर ज्यादा हो सकता है।
तो इन सभी जगहों पर से टैक्स लगने के बाद हमें पेट्रोल मिलता है हालांकि दोस्तों भारत के अंदर हो यह रहा है कि जब कच्चे तेल की कीमत बढ़ती है तो हमें पेट्रोल महंगे दामों पर मिलता है लेकिन जब कच्चे तेल की कीमत कम होती हैं तो सरकार अपना टैक्स बढ़ा देती है जिसके कारण कच्चा तेल सस्ता होने पर भी हमें पेट्रोल उसी कीमत पर मिलता है। यानी कि पेट्रोल की जो सही कीमत होनी चाहिए उससे कहीं ज्यादा पैसा हम आम लोगों से वसूला जाता है, और दोस्तों आप लोगों को यह बात जानकर हैरानी होगी कि हमारे पड़ोसी देशों में पेट्रोल की कीमत हमारे देश से कहीं ज्यादा कम है।
उदाहरण के लिए पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत ₹51 श्रीलंका में ₹60 और यहां तक कि नेपाल में भी ₹70 प्रति लीटर के आसपास है ऐसे में हर इंसान के मन में यह सवाल आता है कि अगर इन देशों में पेट्रोल सस्ता हो सकता है तो फिर हमारे देश में क्यों नहीं ? चलिए अब हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि सरकार आखिर पेट्रोल की कीमत को इतना ज्यादा बढ़ाने की कोशिश क्यों कर रही है हालांकि इसका सटीक जवाब तो किसी के पास भी नहीं है।
लेकिन अनुमान यह है कि भारत में Covid आने के बाद जब लॉकडाउन लगाया गया था तब सभी प्रकार के काम धंधे पूरे तरीके से बंद हो गए थे और काम बंद हो जाने की वजह से सरकार का जो टैक्स collection होता है वह बिल्कुल ना के बराबर हो गया जिसकी वजह से सरकारी खजाने काफी हद तक खाली हो गए थे अब सरकार उसकी भरपाई पेट्रोल पर टैक्स लगाकर कर रही है।
अब दोस्तों अगर इस बात को सच भी मान लिया जाए तो आपको क्या लगता है सरकार द्वारा इस तरह से पेट्रोल पर टैक्स बढ़ाकर covid के नुकसान की भरपाई करना सही है अपनी राय हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा, और हां अगर बात की जाए ऐसे देशों की जहां पेट्रोल सबसे सस्ता मिलता है उसमें वेनेजुएला पहले नंबर पर आता है जहां पर पेट्रोल की कीमत ₹1.45 पैसे प्रति लीटर है साथ ही ईरान में ₹4.50 पैसे और अंबोला देश में ₹15 के आसपास है।
हम उम्मीद करते हैं कि पेट्रोल के कीमत बढ़ने की वजह अब आपको पता चल गई होगी इस पोस्ट को अपने परिवार के सभी लोगों के साथ, दोस्तों के साथ और अपने चाहने वालों के साथ साझा जरूर करें ताकि उन्हें भी इसके बारे में पता चल सके।