Sandeep maheshwari story दोस्तों जब कोई साधारण इंसान कुछ बड़ा कर देता है तो वह अपने आप ही दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बन जाता है क्योंकि उसे देखकर लगता है यार यह तो बिल्कुल अपनी तरह का बंदा है और जब यह कर सकता है तो मैं क्यों नहीं। दिल्ली का एक मध्यम परिवार का लड़का किराए के दो कमरे के मकान में रहता था, जब वह बहुत छोटा था तब पड़ोस के एक बच्चे के पास एक लाल साइकिल देख कर मन मचल गया.
पिता से साइकिल दिलाने की जिद करी तो पिता ने कहा मैं कोई टाटा बिरला थोड़ी ना हूं जो तुम्हारी सारी फरमाइश पूरी करता रहूं तब मैंने मां से जाकर पूछा यह टाटा बिरला क्या है ? तो मां ने पीछा छुड़ाते हुए बोला यह ऐसे लोग हैं जिनके पास ढेर सारे पैसे होते हैं। संदीप ने तुरंत फैसला कर लिया की उसे भी टाटा बिरला की तरह ही बनना है उसके फैसले पर सभी हंसने लगे और उसका मजाक बनाने लगे. जब संदीप लगभग 15 साल के थे तब उनके परिवार के ऊपर एक बड़ी मुसीबत आ गई उनके पिता का लगभग 20 साल पुराना एलुमिनियम का व्यापार था पार्टनर की वजह से हुए झगड़े से उन्हें वह व्यापार छोड़ना पड़ा.
यह संदीप के परिवार के ऊपर एक बड़ा संकट था व्यापार छोड़ने के बाद संदीप के पिता भी चिंता में रहने लगे थे अब संदीप को लगा कि उन्हें भी कुछ करना चाहिए तो वह छोटे-मोटे काम करने लगे. पीसीओ चलाया जो कि नहीं चला कॉल सेंटर में नौकरी के लिए इंटरव्यू दिए लेकिन कहीं सिलेक्शन नहीं हुआ हर तरफ से संदीप को हार का सामना करना पड़ रहा था. वह पूरी तरह से टूटते जा रहे थे इसी बीच वह एक सेमिनार में गए. 3 घंटों में वहां उन्हें कुछ समझ नहीं आया लेकिन अंत में एक लड़के ने स्टेज के ऊपर खड़े होकर बताया कि उसकी उम्र 21 साल है और वह महीने का ढाई लाख कमाता है तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.
उन्होंने सोचा जब इस 21 साल के लड़के के लिए महीने का ढाई लाख कमाना आसान है तो उनके लिए क्यों नहीं और वही संदीप के जीवन का टर्निंग प्वाइंट था संदीप की रुचि मॉडलिंग और फोटोग्राफी में थी उन्होंने मॉडलिंग की एक कोर्स करी और मॉडलिंग की दुनिया में आ गए. संदीप ने कॉलेज के लेवल पर मॉडलिंग शुरू करी और जब उस field के अंदर थोड़ा घुसे तो उन्हें पता चला कि हर दूसरा आदमी मॉडल बनना चाहता है। इसके बाद उन्होंने मॉडल बनने के लिए जूझ रहे लोगों की मदद करने की ठानी.
इसलिए उन्होंने मैस ऑडियो विजुअल नाम की कंपनी खोली जो मॉडल्स के पोर्टफोलियो बनाती थी लेकिन इस कंपनी में भी उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली और वह फेल हो गए उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत करते गए अब उन्होंने फोटोग्राफी सीखी और 2003 में मात्र 10 घंटे में लगभग 100 मॉडल के 10,000 फोटो क्लिक किए और एक विश्व रिकॉर्ड बना डाला. इस रिकॉर्ड से संदीप को काफी पहचान मिली वर्ष 2006 में अपनी वेबसाइट imagesbazaar.com लॉन्च करी लेकिन शुरुआत में बस कुछ ही तस्वीरेंं थी और थोड़े ही फोटोग्राफर थे मगर आज इस वेबसाइट पर विश्व के सबसे ज्यादा भारतीय चित्र है और हर साल यह कंपनी करोड़ों कमाती है।
इतनी सफलता पाने के बाद भी संदीप रुके नहीं और उन्होंने अपने जीवन के अनुभव से युवाओं को प्रोत्साहित करने का मिशन शुरू किया आज भी वे जगह-जगह मोटिवेशनल सेमिनार करते हैं और लाखों लोगों को अपने सपने साकार करने की प्रेरणा देते हैं हैरानी की बात तो यह है कि वह सभी सेमिनार मुफ्त में करते हैं। Sandeep maheshwari का जीवन हमें यह सीख देता है की भले ही कितनी भी मुसीबत क्यों नहीं आए हमें हार नहीं माननी चाहिए उनका कहना है की गलती इस बात का सबूत है कि आप प्रयास कर रहे हैं। आपका कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और आपको हमारी आज कि यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो एक कमेंट करके जरूर जाना धन्यवाद।