पूरे हफ्ते काम करने के बाद हम सभी को Sunday का इंतजार रहता है क्योंकि Sunday को सभी दफ्तर स्कूल और कॉलेज बंद रहते हैं पर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर Sunday को सार्वजनिक अवकाश के रूप में क्यों मनाया जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से कि Sunday को ही छुट्टी के दिन के रूप में घोषित किए जाने का क्या कारण था ?
जब भारत में ब्रिटिश शासन किया करते थे तब मिल मजदूरों को सातों दिन काम करना पड़ता था उन्हें कोई भी छुट्टी नहीं मिलती थी हर रविवार को ब्रिटिश अधिकारी चर्च जाकर प्रार्थना करते थे लेकिन मिल मजदूरों के लिए ऐसी कोई परंपरा नहीं थी कुछ समय श्री नारायण मेघाजी लोखंडे मिल मजदूरों के नेता थे उन्होंने अंग्रेजों के सामने साप्ताहिक छुट्टी का प्रस्ताव रखा और कहां 6 दिन काम करने के बाद सप्ताह में 1 दिन अपने देश और समाज की सेवा करने के लिए भी मिलना चाहिए.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रविवार हिंदू देवता खंडोबा का दिन है इसलिए भी संडे को साप्ताहिक छुट्टी के रूप में घोषित किया जाना चाहिए लेकिन उनके इस प्रस्ताव को ब्रिटिश अधिकारियों ने अस्वीकार कर दिया पर लोखंडे ने हार नहीं मानी और अपना संघर्ष जारी रखा। अंततः 7 साल के लंबे संघर्ष के बाद 10 जून 1890 को ब्रिटिश सरकार ने आखिरकार रविवार को छुट्टी का दिन घोषित कर दिया हैरानी की बात यह है कि भारत सरकार ने कभी भी इसके बारे में कोई आदेश जारी नहीं किया.
अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संस्था के अनुसार रविवार का दिन सप्ताह का आखिरी दिन होता है इस बात को 1986 में लागू किया गया था। 1844 में अंग्रेजों के गवर्नर जनरल ने स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए रविवार का अवकाश रखने का प्रावधान किया इसका कारण यह था कि बच्चे इस दिन कुछ रचनात्मक कार्य कर सकें और अपने आप को आगे बढ़ा सकें। हिंदू कैलेंडर या हिंदू पंचांग के अनुसार सप्ताह की शुरुआत रविवार से ही होती है यह दिन सूर्य देवता का दिन होता है.
हिंदू रीति रिवाज के अनुसार इस दिन सूर्य भगवान सहित सभी देवी देवताओं की पूजा करने का विधान है सप्ताह के पहले दिन ऐसा करने से सारा सप्ताह मन शांत रहता है किसी भी प्रकार की बाधा या परेशानी उत्पन्न नहीं होती तथा किसी भी व्यक्ति को अपनी यह परंपरा निभाने में कोई परेशानी ना हो इसलिए पुरातन काल से ही रविवार को अवकाश माना जाता है। अधिकतर मुस्लिम देशों में इबादत का दिन शुक्रवार को माना जाता है इस कारण वहां शुक्रवार को ही छुट्टी होती है लेकिन ज्यादातर देशों में रविवार को अवकाश का प्रावधान है.
इसके पीछे कारण यही था कि उन्हें भी आराम करने के लिए 1 दिन चाहिए था दरअसल 1843 में अंग्रेजों ने छुट्टी का आदेश निकाला था उसके बाद ही यह भारत तक पहुंचा। दोस्तों अगर आप भविष्य में भी ऐसी ही रुचिकर चीजों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारे साथ जुड़े रहिए और यदि आपको आज कि यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो प्लीज कमेंट जरुर करें धन्यवाद।