रोल्स रायस की सफलता की कहानी – Rolls Royce Success Story

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दोस्तों आज हम जानेंगे दुनिया की सबसे लग्जरी कारों में से एक अपनी बेहतरीन इंजन की क्वालिटी और डिजाइन के लिए पहचानी जाने वाली Rolls Royce की, जो अपनी कारों के लिए तो प्रसिद्ध है ही साथ ही साथ यह एयरक्राफ्ट इंजन बनाने वाली भी दुनिया की दूसरी बड़ी कंपनी है और आज के समय में इतनी प्रसिद्ध हो चुकी कंपनी की शुरुआत एक ऐसे आदमी ने की थी जिन्हें की बेहद ही गरीबी और बदहाली का सामना करना पड़ा था।
पिता की जल्दी मृत्यु हो गई थी और अपने बचपन के दिनों में जब बच्चों के स्कूल जाने के दिन होते हैं तो इस उमर में घर का खर्च चलाने के लिए न्यूज़ पेपर और टेलीग्राम बांटना पड़ा था हालांकि इन विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी, तो दोस्तों मैं जिन की बात कर रहा हूं उनका नाम है FREDERICK HENRY ROYCE. दरअसल Rolls Royce कंपनी के फाउंडर दो लोगों को माना जाता है 1.Frederick Henry Royce  2.Charles Rolls, लेकिन इस कंपनी में सबसे मुख्य रोल Frederick Royce का ही है अब आप सोच रहे होंगे कि वह कैसे? तो चलिए दोस्तों इसके लिए हम पूरी कहानी जानते हैं.
Henery Royce का जन्म 1863 में इंग्लैंड के एक अलवंटन नाम के एक गांव में हुआ था उनका परिवार एक किराने का आटा मिल चलाती थी लेकिन यह काम अच्छे से नहीं चल पाने की वजह से वह सभी लंदन आकर बस गए लेकिन जब हेनरी सिर्फ 9 साल के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई और इस तरह से हेनरी को अपना घर का खर्च चलाने के लिए न्यूज़पेपर बेचने और टेलीग्राम बांटने जैसा काम करना पड़ा। अगले कुछ सालों तक इन सभी कामों को करने के बाद वह अपनी आंटी की मदद से इंग्लैंड के एक पीटर ब्रो नाम की जगह पर चलें गए.
जहां पर उन्होंने नॉर्थन रेलवे में काम किया और फिर वहां से लंदन लौटने के बाद वह एक लाइट एंड पावर कंपनी में शामिल हो गए जिस कंपनी में वह सड़कों के ऊपर लाइट लगाने का काम करते थे। दोस्तों अब तक हेनरी ने अपनी कमाई के कुछ पैसे बचा लिए थे उसके बाद अपने की गई बचत और अपने दोस्त कलारेमोन के साथ मिलकर 1884 में एक छोटी सी कंपनी खोली, जिसका नाम उन्होंने FH ROYCE AND COMPANY रखा. दरअसल यह कंपनी बिजली के छोटे-छोटे पार्ट बनाने का काम करती थी और फिर अगले 10 सालों के बाद इसी कंपनी के जरिए उन्होंने डायनेमो और इलेक्ट्रिक क्रेन बनाने भी शुरू कर दिया.
फिर 1899 में उन्होंने अपनी कंपनी को रजिस्टर्ड करवाया लेकिन आगे चलकर जर्मनी और अमेरिका से आने वाले क्रेन और डायनेमो से कंपटीशन बढ़ता जा रहा था और कंपनी को घाटा होने लगा था इसलिए रायस ने कार बनाने का फैसला किया उन्होंने मोटर कार को अच्छे से जानने के लिए 1901 में डिंडोयल और दो सिलेंडर डोको कार खरीदा। इन कार की कमियों को उन्होंने अच्छे से पहचाना और फिर 1904 मैं अपनी खुद की 3 कार बनाई, और इन 3 कार में से उन्होंने एक कार अपने बिजनेस पार्टनर रह चुके कलरमाउंट को दे दी. और हेनरी एंड मंड नाम के एक आदमी ने उनकी दूसरी कार खरीदी तो दोस्तों अब यहां से Rolls Royce के दूसरे फाउंडर की कहानी शुरू होती है।
 जिसका नाम था Charles Rolls दरअसल चार्ल्स एडमंड के अच्छे दोस्त थे और लंदन में उनका बड़ा सा एक कार का शोरूम था जब उन्होंने हेनरी रोल की कार को दिखा तो वह उन्हें बहुत पसंद आई और चार्ल्स रॉय हेनरी के पाटनर बन गए। 23 दिसंबर 1904 को दोनों के बीच बिज़नस डील हुई कि रायस की बनाई हुई कार को Rolls खरीदेंगे और वे सभी कार Rolls Royce के नाम से जानी जाएगी और फिर दिसंबर 1904 में Rolls Royce ने अपनी पहली कार Rolls Royce 10HP लॉन्च करें.
यहां से कार को बनाने में Royce का टेक्निकल नॉलेज और रोल्स का बिजनेस नॉलेज जबरदस्त काम कर गया और फिर कंपनी तेजी से आगे बढ़ने लगी। 1907 में कंपनी ने एक्सएक सिक्स एक्स सिलेंडर सिल्वर घोस्ट कार का निर्माण किया जो कि एक सुपर कार थी और इस कार को लोगों द्वारा इतनी सराहना मिली कि इसे Best Car of The World कहां जाने लगा हालांकि 1910 में Rolls की हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई और उस समय उनकी उम्र केवल 32 साल थी।
1914 में Rolls Royce ने ऑटोमोबाइल के अलावा हवाई जहाज के इंजन बनाने भी शुरू कर दिए और सबसे पहले इन्होंने ईगल इंजन का निर्माण किया। 1921 में डिमांड बढ़ने की वजह से Rolls Royce ने Massachusetts मै एक नई फैक्ट्री खोली और फिर उन्होंने उसी साल स्प्रिंगफील्ड ghost नाम की एक कार बनाई। 1930 में Rolls Royce ने बेंटली नाम की एक स्पोर्ट्स रेसिंग कार बनाने वाली कंपनी को एक वायर कर लिया लेकिन इसी बीच 1933 में हेनरी रॉयस के भी मृत्यु हो गई. आगे चलकर 1938 में Rolls Royce कि कारों में डीजल इंजन लगाने की शुरुआत हुई पर 1951 में कंपनी में अपनी पहली लग्जरी कार डीजल के साथ चलने वाले इंजन के साथ लॉन्च करी।
हालांकि 1964 आते-आते रिसर्च और डेवलपमेंट के चलते एयर इंजन में कंपटीशन लगातार बढ़ता जा रहा था इसीलिए Rolls Royce ने करीब 80000 लोगों को अपनी कंपनी में जगह दी और मैन पावर के हिसाब से उनकी कंपनी ब्रिटेन की चौदहवीं सबसे बड़ी कंपनी बन गई लेकिन इसके बावजूद बंदी की वजह से ऑटो मोबाइल के काम में इसे नुकसान होता चला गया और फिर आखिरकार 1998 में Rolls Royce को बेचने का फैसला किया गया जिसे की बोली लगाते हुए BMW और VOLKSWAGEN ने खरीदा और 2011 के बाद से यह कंपनी Rolls Royce पीएलसी के तहत काम करती है।
अब दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं कि Rolls Royce की यह कहानी (Rolls Royce Success Story) आपको जरूर पसंद आई होगी और इसके फाउंडर हेनरी से भी आप जरूर इंस्पायर हुए होंगे आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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