आमतौर पर अगर शरीर में कहीं भी चोट लग जाए या छिल-कट जाए, तो धीरे-धीरे डैमेज सेल्स खुद रिकवर हो जाती हैं और घाव भर जाता है। लेकिन कई बार अगर चोट लगने के बाद साफ-सफाई का ध्यान न रखा जाए, तो चोट में इंफेक्शन फैल सकता है और घाव पक सकता है। घाव पकने का अर्थ है चोट के आसपास की त्वचा में संक्रमण के कारण पस बनने लगना। वैसे तो इस स्थिति में आपको डॉक्टर की ही सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि गलत उपचार से अगर संक्रमण और बढ़ जाए, तो खतरा बढ़ सकता है। लेकिन अगर आपको ताजी चोट लगी है, तो कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर आप इसमें इंफेक्शन होने से रोक सकते हैं। हालांकि इन उपायों के प्रयोग के समय आपको इस बात का ध्यान रखना है कि चोट पर गंदा हाथ, गंदा कपड़ा या धूल-मिट्टी आदि न जाए। आपको चोट या घाव पर कुछ भी लगाने से पहले अपने हाथ को अच्छी तरह साबुन से धोना चाहिए या सैनिटाइजर से सैनिटाइज करना चाहिए।
नारियल तेल
नारियल तेल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ये स्किन के साथ बालों और शरीर के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। नारियल तेल में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं इसलिए ये चोट लगने या छिलने-कटने पर आपके बड़े काम आ सकता है। घाव पर नारियल तेल का इस्तेमाल करने के लिए साफ रुई की सहायता से घाव के आसपास नारियल तेल लगाएं। ये तेल घाव को जल्दी भरने में मदद करेगा।
नीम का पेस्ट
नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होने के कारण ये घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। नीम में फैटी एसिड होने के कारण ये कोलेजन का निर्माण तेजी से करता है, जिससे डैमेज टिशूज तेजी से रिकवर होते हैं। घाव पर नीम का इस्तेमाल करने के लिए पहले नीम की पत्तियों को तोड़ अच्छी तरह धो लें। फिर इसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में हल्दी पाउडर मिलाकर साफ रुई की सहायता से घाव के आसपास लगाने की कोशिश करें। नीम बैक्टीरिया से लड़कर घाव को ठीक करने में मदद करता है।
एलोवेरा जेल
एलोवेरा जेल का उपयोग अमूमन हर घर में होता है। इस जेल में भी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं। घाव पर एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करने के लिए पौधे से एलोवोरा की ताजी पत्ती को तोड़कर इसका जेल निकालें और फिर घाव पर लगाएं। अगर एलोवेरा का पौधा आसपास नहीं है, तो मार्केट में मिलने वाले एलोवेरा जेल को भी लगाया जा सकता है। एलोवेरा जेल घाव को ठीक करने के साथ सूजन को भी कम करने में मददगार है।
हल्दी का पेस्ट
हल्दी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण के कारण ये घाव को ठीक करने में मदद करता है। खून बहने की स्थिति में भी हल्दी को इस्तेमाल किया जा सकता है। ये घाव को जल्दी भरने में मदद करता है। ध्यान रखें घाव पर रुई की सहायता से ही कुछ लगाएं। क्योंकि हाथों से लगाने के कारण इंफेक्शन बढ़ सकता है।
पका हुआ घाव शरीर के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। इसलिए ध्यान दें कि अगर घाव 1 से 2 दिन में ठीक नहीं हो रहा है, तो जल्द ही डॉक्टर को दिखाएं।