दुनिया के सात अजूबों में से एक हमारे भारत में बना ताजमहल है। जिसकी खूबसूरती देख पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं अब यह बात तो हम सभी जानते हैं कि ताजमहल को मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी की याद में बनवाया था और इसकी खूबसूरती इतनी ज्यादा लाजवाब है कि देखने वाला अपने दांतो तले उंगली दबा ले.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताजमहल की नीव लकड़ी से बनी है या फिर ताजमहल को शिव मंदिर कहने वाले सबसे पहला शख्स कौन था ? और यह तो फिर भी कुछ भी नहीं है क्योंकि हमारी आज की इस पोस्ट में मैं यानि कि आपका दोस्त प्रमोद शर्मा आपको भारत की शान कहे जाने वाले ताजमहल के बारे में कुछ ऐसी रुचिकर चीजें बताऊंगा (Taj mahal interesting facts) जिसे सुनकर आप पूरी तरह से हैरान हो जाएंगे।
Fact No.1
अब हम यह बात सभी जानते हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था, जो कि शाहजहां की 14 वी संतान को जन्म देते हुए गुजर गई थी लेकिन यह जानकर आप हैरान रह जाएंगे की मुमताज के अलावा शाहजहां की और 5 बीवियों को भी यहीं दफनाया गया था.
Fact No.2 (How old is the Taj Mahal ?)
दोस्तों शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण 1625 में शुरू करवाया था और यह 1653 तक चला इसी तरह से ताजमहल को बनाने में पूरे 22 सालों का समय लगा और इसे बनाने में करीब 22000 मजदूरों ने काम किया जिसमें भारत के अलावा तुर्की के लोग भी शामिल थे.
Fact No.3
हर साल हजारों लाखों लोग ताजमहल को देखने जाते हैं और जब वह ताजमहल को देख रहे होते है तो उन्हें ऐसा लगता है कि यह ताजमहल का सामने वाला हिस्सा है और हमें पूरा यकीन है कि आप भी ऐसा ही सोचते होंगे लेकिन हम आपको बता दें कि जो किस्सा आप देख रहे होते हैं वह ताजमहल का पिछला हिस्सा है।
दरअसल जो शाही दरवाजा है वह नदी के किनारे के दूसरी तरफ है और मुगल काल में ताजमहल तक पहुंचने के लिए नदी ही मुख्य रास्ता थी. जहां नदी के किनारे एक चबूतरा हुआ करता था और बादशाह और उसके मेहमान उसी चबूतरे के द्वारा आया करते थे हालांकि अब वह समय के साथ नष्ट हो गया।
Fact No.4
ताजमहल के हर नीव वाले कोने में एक एक मीनार है और यह चारों मीनारें मकबरे को संतुलन देती है जिनकी लंबाई 41.6 मीटर है.सबसे हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि दिखने में यह मीनार बने ही सीधी लगे लेकिन यह आगे की तरफ झुकी हुई है इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि किसी प्राकृतिक आपदा के कारण यह मीनार गिर जाए तो वह आगे की तरफ गिरे ताकि ताजमहल को कोई नुकसान ना पहुंचे।
Fact No.5
अब यह बात तो आपको पता ही होगी कि ताजमहल के निर्माण के लिए शाहजहां ने दुनिया भर से बहुत कीमती पत्थरों और रत्नों को मंगवाया था जिसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि शाहजहां शुरू से ही चाहते थे कि ताजमहल दुनिया की ऐसी भव्य इमारत हो जिसे आज तक देखा ना गया हो.
और इसीलिए सफेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से लाए गए इसके अलावा ऐसे 28 बेश कीमती रत्नों को अलग-अलग देशों से मंगवाया गया था ताकि इन्हें सफेद संगमरमर में जड़ा जा सके. इन बेश कीमती रत्नों को विदेश से आगरा लाने के लिए एक हजार हाथियों का इस्तेमाल किया गया था ताकि ताजमहल की खूबसूरती को और ज्यादा निखारा जा सके।
Fact No.6
200 सालों तक जब अंग्रेजों ने हम पर हुकूमत करी तो आजादी की पहली लड़ाई 1857 के दौरान अंग्रेजों ने ताजमहल को काफी नुकसान पहुंचाया जहां उन्होंने ताजमहल पर लगे सबसे बेशकीमती रत्नों को उनकी दीवारों से खोदकर निकाल लिया इसलिए कहा जाता है कि अंग्रेजों ने हम पर राज करते समय काफी लूटपाट करी थी।
Fact No.7
यह बात तो हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं कि शाहजहां ने ताजमहल बनवाते समय कारीगरों और मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे लेकिन अगर हम बहुत से इतिहासकारों की माने तो शाहजहां ने मजदूरों और कारीगरों को जिंदगी भर की पगार दे कर उनसे एक कॉन्ट्रैक्ट लिखवाया कि वह ऐसी कोई दूसरी इमारत नहीं बनाएंगे।
Fact No.8
हम आपको बता दें कि ताजमहल की लंबाई क़ुतुब मीनार से भी ऊंची है जी हां ताजमहल 73 मीटर लंबा है जबकि कुतुब मीनार की लंबाई 72.5 मीटर है यानी कि हल्की सी ऊंचाई के कारण ताजमहल का कुतुब मीनार से नाम बड़ा हो जाता है।
Fact No.9
दक्षिण भारत में मुगलों द्वारा बनाई गई जितनी भी इमारतें है उनमें सबसे सुंदर कारीगरी ताजमहल में ही देखने को मिलती हैं क्योंकि जैसे ही लोग ताजमहल के बड़े दरवाजे से अंदर जाते हैं तो दरवाजे पर लिखा कुछ सुलेख उनका स्वागत करता है और ऐसा माना जाता है कि इन सुलेख को कुरान से लिया गया है जिसका मतलब है – ” हे आत्मा तू ईश्वर के पास आराम कर ईश्वर के पास शांति के साथ रह और उसकी परम शांति का अनुभव कर”.
Fact No.10
दोस्तों आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी कि सफेद संगमरमर से बनी इस विशालकाय और खूबसूरत इमारत की नीव लकड़ी से बनाई गई थी हां मुझे पता है आपको सुनने में यह काफी अजीब लग रहा है लेकिन यह सच है इससे भी ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि इस महल की नीव में जो लकड़ी लगी है वह यमुना की नदी के पानी के कारण अपनी मजबूती अभी तक बनाए हुए हैं, क्योंकि आम तौर पर कोई भी लकड़ी पानी के संपर्क में आने पर खराब हो जाती है वही इसके विपरीत यह लकड़ी है जो कि और ज्यादा मजबूत होने लगती है।
Fact No.11
यदि आप सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताते हैं तो आपको पता होगा कि हाल ही में ताजमहल शिव मंदिर कहकर बुलाने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ गई थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस विवाद को जन्म किसने दिया असल में दोस्तों 1979 में भारतीय लेखक पी एन ओक ने Taj Mahel the True Story नामक एक किताब लिखी।
उन्होंने इस किताब में दावा किया कि ताजमहल मकबरा बनने से पहले शिव मंदिर था जिसका नाम Tejo Mahalaya था. इतना ही नहीं बल्कि इस बात को साबित करने के लिए इन्होंने 2000 में ताजमहल की साइट को खोजने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी दी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, लेकिन बाद में आकृकियो लॉजिकल ऑफ इंडिया ने यह बात स्पष्ट करी कि ताजमहल कभी एक शिव मंदिर था इस बात का कोई सबूत नहीं है।
लेकिन हां ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया था इस बात का सबूत इतिहास के पन्नों में मौजूद है। तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही उम्मीद करता हूं कि आप को ताजमहल के बारे में यह रुचिकर बातें ( Amazing facts about Taj Mahal ) जानकर काफी अच्छा लगा होगा. बाकी आपका इसके ऊपर क्या कहना है हमें कमेंट करके जरूर बताइए।