हम में से ज्यादातर लोगों को सोते समय खर्राटे आते हैं। यह न सिर्फ आपकी स्लीप क्वालिटी को प्रभावित करता है, बल्कि इससे आपके पार्टनर या साथ रहने वाले अन्य लोगों को भी काफी परेशानी हो सकती है। इससे आपके आस-पास वाले लोगों की नींद भी प्रभावित हो सकती है साथ ही वे चिड़चिड़ा महसूस कर सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि सोते समय खर्राटे क्यों आते हैं? या खर्राटों आने के क्या कारण हैं? हालांकि इस समस्या से परेशान बहुत से लोग अक्सर पूछते हैं कि खर्राटों का इलाज क्या है या क्या इसे कैसे रोका जा सकता है? इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. भुवनेश्वरी- आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर, पंजाब से बात की।
लोगों को बीमारियों के प्रति जागरूक करने और उन्हें बीमारी, उसके कारण, लक्षणों आदि को समझाने के लिए Desi Nuskhe team एक स्पेशल सीरीज लेकर आया है जिसका नाम है ‘बीमारी को समझें’। आज हम इस सीरीज में आपको बता रहे हैं खर्राटे क्यों आते हैं और क्या इन्हें रोका जा सकता है या नहीं?
खर्राटे क्यों आते हैं
डॉ. भुवनेश्वरी के अनुसार, खर्राटे हमारे मुंह से निकलने वाली एक आवाज है, जो यह आवाज आमतौर पर तब निकलती है, जब सोते समय आप सांस ठीक से नहीं ले पाते हैं। आपकी नाक से गले तक वायुमार्ग में सांस का लेने और छोड़ने की प्रक्रिया ठीक से नहीं हो पाती है। ऐसा वायु मार्ग और गले में संकुचन के कारण होता है। जिसके कारण नाक और गले के माध्यम से हवा पास होने में रुकावट होती है। ऐसे में जब आप नींद के दौरान सांस लेते हैं, तो हवा का बहाव टिश्यू के साथ कंपन्न उत्पन्न होता है। यह गले में सूजन, अधिक वजन या गले के पास वाले हिस्से में अतिरिक्त चर्बी जमा होने के कारण हो सकता है।
- इसके अलावा जब कभी आप बहुत थक जाते हैं तो इससे नींद के दौरान आपकी जीभ और गले की मांसपेशियां शांत हो जाती हैं और उन्हें आराम मिलता है। इससे गले के टिश्यू भी ढीले हो जाते हैं, जिससे यह आपके गले के वायुमार्ग को ब्लॉक कर देते हैं। इसके कारण भी कंपन्न पैदा होता है। साथ ही गले में संकुचन की स्थिति पैदा हो जाती है। जिससे सांस लेने और छोड़ने दोनों में ही रुकावट होती है। जब लगातार सांस में रुकावट की होती है, तो इससे कंपन्न बढ़ने लगता है और खर्राटों की आवाज तेज आने लगती है।
- हालांकि इसके लिए कुछ मेडिकल कंडीशन भी जिम्मेदार हो सकती हैं जैसे साइनस, सर्दी-खांसी, एलर्जी और गले में इन्फेक्शन आदि के कारण भी खर्राटों की समस्या होती है। इसके अलावा शराब का सेवन और स्मोकिंग, ठंडे फूड्स का सेवन आदि भी गले में सूजन को ट्रिगर करते हैं, जो खर्राटों का कारण बनता है।
क्या खर्राटों को रोका जा सकता है?
डॉ. भुवनेश्वरी के अनुसार खर्राटों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं, वे कुछ दवाओं की मदद से खर्राटों की समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसलिए अलावा जीवनशैली में कुछ बदलाव और घरेलू उपायों की मदद से भी आप खर्राटों से बच सकते हैं।
- मस्तिष्क को शांत रखें और चिंता, तनाव आदि का प्रबंधन करें।
- पानी का सेवन अधिक करें, कोशिश करें कि गुनगुने पानी का सेवन करें। इससे सूजन कम होती है।
- शरीर के अधिक वजन या चर्बी को कम करें और शरीर में स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- स्मोकिंग और शराब के सेवन से सख्त परहेज करें। ये गले में सूजन को ट्रिगर करते हैं।
- पीठ के बल लेटने से अधिक खर्राटे आते हैं, इसलिए करवट लेकर सोने की कोशिश करें
- सोने से आधे घंटे पहले दूध या गर्म पानी में हल्दी डालकर पिएं।
- नाक में गुनगुने घी की 1-2 बूंदें डालकर सोएं।
- दिन में 2-3 बार शहद का सेवन करें।
- हर्बल चाय में शहद डालकर पिएं।
इन आसान उपायों की मदद से आप खर्राटों की समस्या को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं, लेकिन अगर फिर भी आपको आराम नहीं आता है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।