आपने बहुत से लोगों को तांबे की बोतल या जग आदि में रखा हुआ पानी पीते हुआ देखा होगा। बहुत से लोग ऐसा सुबह खाली पेट करते हैं। वे रात को तांबे के बर्तन या बोतल में पानी भरकर रख देते हैं और सुबह खाली पेट सेवन करते हैं। आयुर्वेद में तांबे के बर्तन रखा पानी पीना बहुत फायदेमंद माना जाता है। प्राचीन काल में ज्यादातर लोग तांबे के बर्तन से ही पानी पिया करते हैं। ऐसा माना जाता है कि तांबे के बर्तन में रखना पानी आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकलता है। तांबे के बर्तन में रखना पानी एक नेचुरल डिटॉक्स ड्रिंक है। साथ ही जब आप तांबे के बर्तन में पानी को रातभर के लिए छोड़ देते हैं, तो इससे पानी में मौजूद सारे बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं और पानी शुद्ध हो जाता है। तांबे के बर्तन या बोतल में रखा पानी पीने के अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी का सेवन करने से पहले आपको कुछ जरूरी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए? नहीं तो कुछ लोगों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरालक्ष्मी की मानें तो लोग तांबे बर्तन से पानी पीते समय कई गलतियां करते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। इस लेख में हम आपको ऐसी 5 गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे आपको तांबे की बोतल या बर्तन से पानी पीते समय करने से बचना चाहिए।
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते समय किन गलतियों से बचना चाहिए
1. गर्मियों के मौसम के लिए नहीं है आदर्श
तांबे के पानी में गर्म शक्ति और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। यह आपके शरीर को गर्मी जैसे गर्म मौसम के बजाय ठंड के मौसम में सूट करता है। इसलिए सर्दियों में इसका सेवन अधिक फायदेमंद है।
2. सही तरीके से स्टोर न करना
पीने से पहले, पानी को तांबे के बर्तन में कम से कम 6-8 घंटे के लिए रखा जाना चाहिए, ताकि सही तरीके से आयनीकरण हो सके।
3. बहुत अधिक न पिएं
पानी को स्टोर करने के लिए कमरे के तापमान सबसे बेस्ट है। फ्रिज आदि में स्टोर न करें। साथ ही एक दिन में या लंबे समय तक एक दो गिलास से ज्यादा न पिएं। इसके अधिक सेवन से गर्मी और त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
4. सभी के लिए नहीं है फायदेमंद
एसिडिटी की समस्या, रक्त संबंधी असामान्यताएं और शरीर में अधिक गर्मी वाले लोगों के लिए तांबे के बर्तन में रखा पानी बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। इससे मतली और उल्टी जैसी समस्याएं देखने को भी मिल सकती हैं।
5. साफ-सफाई का ध्यान न रखना
हमेशा साफ बर्तन का प्रयोग करें और तांबे के बर्तनों की उचित देखभाल जरूरी है। क्योंकि वे जल्दी ऑक्सीकृत हो जाते हैं। इन्हें धोने के लिए नींबू के रस/इमली के गूदे का प्रयोग करें। उन्हें सूखा रखें और उपयोग में न होने पर डार्क जगह पर स्टोर करें।