हार्ट फेलियर दिल से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। इसे कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure) भी कहा जाता है। हार्ट फेलियर की समस्या तब होती है, जब हमारा दिल मांसपेशियां को जरूरत के अनुसार रक्त पंप नहीं करती हैं। इस स्थिति में रक्त वापस हृदय में आने लगता है। जो फेफड़ों में तरल पदार्थों के निर्माण का कारण बनता है और सांस लेने में दिक्कत होती है। अगर कोई व्यक्ति पहले से किसी हृदय संबंधी रोग से जूझ रहा है जैसे कोरोनरी धमनी रोग या हाई बीपी, तो इससे हार्ट फेलियर का जोखिम अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि ऐसे में हमारा दिल धीरे-धीरे बहुत कमजोर होने लगता है या रक्त को ठीक से पंप नहीं कर पाता है। जिससे हार्ट फेलियर की समस्या होती है। इसके कारण हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ता है साथ ही व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। इसलिए आपको अपने हृदय का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।
पुणे स्थित हेल्दी हार्ट क्लीनिक के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर केदार कुलकर्णी के अनुसार हार्ट फैलियर से पहले इसके कई संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें समय रहते पहचान कर आप हार्ट फेलियर से बच सकते हैं और समय पर सही उपचार ले सकतेहैं। इस लेख में हम आपको हार्ट फेलियर से पहले दिखने वाले 10 शुरुआती संकेत और लक्षण (heart failure ke sanket aur lakshan) बता रहे हैं।
हार्ट फेलियर के शुरुआती संकेत और लक्षण
- अगर यह हार्ट अटैक के कारण होता है तो आपको सीने में दर्द का अनुभव हो सकता है
- किसी शारीरिक गतिविधि या लेटने के दौरान सांस लेने में दिक्कत महसूस होना
- बहुत अधिक थकान या शरीर में कमजोरी महसूस होना
- ठीक से एक्सरसाइज न कर पाना, जल्दी थक जाना या क्षमता में कमी महसूस होना
- खांसी के दौरान सफेद या गुलाबी, लाल आना और घरघराहट होना
- पैर, टखनों और पैरों के तलवों में सूजन का होना
- मतली या जी मिचलाना का अनुभव होना और भूख में कमी आना
- किसी चीज पर ठीक से फोकस न कर पाना या सतर्कता में कमी
- हार्ट बीट तेज होना या अनियंत्रित होना
- पेट के एरिया में सूजन होना
- अचानक तेजी से वजन बढ़ना खासकर द्रव निर्माण के कारण
एक्सपर्ट क्या सलाह देते हैं
अगर आप उपरोक्त लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जिससे कि डॉक्टर इसके सही कारणों का पता लगा सके और आपकी सही उपचार प्रदान कर सके। अगर आपका वजन कुछ ही दिनों में अचानक 2-3 किलो बढ़ गया है तो इस स्थिति में भी आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी नुस्खा या दवाएं लेने से बचें। लक्षण दिखने के बाद किसी भी तरह की लापरवाही के गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।