बालम खीरा का पानी पीने से सेहत को मिलते हैं कई फायदे

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पिछले कुछ सालों में लोगों का रुझान हर्बल चीजों और दवाओं आदि की तरफ बढ़ा है। लोग सभी बड़ी-छोटी बीमारियों का इलाज आयुर्वेद, यूनानी और नैचुरोपैथी में ढूंढते हैं क्योंकि इनकी दवाएं या नुस्खे ज्यादा सुरक्षित होते हैं। इनसे कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, चाहे वह खाने पीने की चीज हो या फिर दवाइयों का सेवन। एक फल जिसका नाम बालम खीरा है पिछले कुछ सालों में तेजी से प्रसिद्ध हुआ है। यह अपने काफी सारे मेडिकल गुणों के लिए जाना जाता है। यह फल आमतौर पर पश्चिम बंगाल या फिर दक्षिणी भारत में पाया जाता है। आइए जान लेते हैं बालम खीरा का पानी पीने के फायदे।

एंटी-माइक्रोबियल

इस खीरे में प्राकृतिक रूप से ही एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। यह बैक्टेरियल इंफेक्शन को ठीक करने और घाव भरने जैसी बहुत सी समस्याओं से निजात दिलाने के काम आता है। यह मिट्टी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया का खात्मा करने में भी मदद करता है। इसके अलावा भी बहुत सारे बैक्टीरिया जैसे ई कोली आदि को नष्ट करने में यह सहायक है।

एंटी-मलेरिया गुण

बालम खीरा में बहुत सारे मेडिकल कंपाउंड पाए जाते हैं और इसी वजह से यह हमें बहुत सारी बीमारियों से सुरक्षा भी प्रदान करता है। इसकी शाखाओं में एंटी मलेरियल गुण पाए जाते हैं इसलिए ये मलेरिया बुखार में बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसकी शाखा को मलेरिया के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है। बालम खीरा का पानी पीने से मलेरिया में राहत मिल सकती है।

एंटी-अमीबिक गुण

बालम खीरे में एंटी अमीबिक गुण भी पाए जाते हैं, जोकि इसके अंदर के केमिकल स्ट्रक्चर में मौजूद होते हैं। इसलिए बालम खीरे का पानी फंगस और बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है। इसकी पत्तियों, स्टेम और अन्य भागों के मुकाबले इस फल में सबसे ज्यादा एंटी अमिबिक गुण पाए जाते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट गुण

बालम खीरे में बहुत सारे एंटी ऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं। इनका प्रयोग लिवर से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। ऐसा देखा गया है कि इस खीरे की स्टेम में इसके पत्तों से ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। बालम खीरे का पानी स्किन के लिए भी काफी लाभदायक होता है। इसे पीने से स्किन पर चमक आती है और एजिंग के लक्षण कम होते हैं।

ब्रेस्ट की सूजन को कम करने में सहायक

बहुत सारी महिलाएं बालम खीरा का प्रयोग ब्रेस्ट से सूजन कम करने के लिए भी करती हैं। लेकिन इससे पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए ताकि इसकी सही मात्रा और प्रयोग करने के सही ढंग का पता किया जा सके।

डाई बनाने के लिए प्रयोग

बालम खीरे को डाई बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। सबसे पहले इसे उबाल लिया जाता है। इसके बाद इससे लाल डाई बनाई जाती है। इसके पौधे की जड़ों का प्रयोग पीले रंग की डाई बनाने के लिए किया जाता है।

स्किन के लिए 

बालम खीरे में बायो एक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो एक्ने को ठीक करने में सहायक होते हैं। इससे स्किन को प्यूरिफाई करने में मदद मिल सकती है। इससे स्किन को एजिंग से बचाया जा सकता है और साथ ही स्किन सेल्स को डेमेज होने से रोकने में भी मदद मिल सकती है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो स्किन की सूजन कम करने में सहायक हैं।

ध्यान रखें बालम खीरे के रस या पानी का सेवन दिन में केवल दो बार तक ही करना चाहिए। एक समय में आधी चम्मच से ज्यादा मात्रा में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

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